हाथरस गैंगरेप से भड़का दलित समुदाय, सफाईकर्मियों की हड़ताल

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उत्तरप्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया था। हैवानियत का शिकार हुई 19 साल की दलित युवती मंगलवार को जिंदगी से जंग हार गई। जहां एक 19 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी बेरहमी से हत्या करने की कोशिश की गई। हैवानों ने गैंगरेप के बाद उसकी जीभ काट दी थी और उसकी रीढ़ की हड्डी भी तोड़ दी गई थी।

हालांकि उस समय तो युवती बच गई लेकिन कुछ दिन बाद वो जिंदगी की जंग हार गई।सोमवार के दिन उसे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी मेडिकल कॉलेज से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था, जहां 29 सितंबर की सुबह उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद से सोशल मीडिया पर #Hathras टॉप ट्रेंड कर रहा है।

हाथरस की बेटी की रात के अंधेरे में गुपचुप अंतिम संस्कार पर लेकर विरोध जारी है और इस पूरे मामले में पुलिस सवालों के घेरे में है। विपक्षी दल राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार को घेर रही है और यूपी में जंगलराज का आरोप लगा रही है।

लोग योगी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में मंदिर बनाने से क्या फायदा, जब समाज में सीता सामान हमारी बेटी ही सुरक्षित नहीं है। उधर, पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले का संज्ञान लेते हुए सीएम आदित्यनाथ से बात कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

खबर के मुताबिक योगी के मंत्री भूपेंद्र चौधरी जब हाथरस पहुंचे तो उन्हें स्थानीय लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। दाह संस्कार के बाद सुबह दलित समुदाय के लोगों का गुस्सा भड़क उठा है।

हाथरस में दलित समाज के लोगों ने शहर के अंदर बाजार को बंद करा दिया। सफाईकर्मियों ने काम बंद करते हुए हड़ताल शुरू कर दी है। वाल्मीकि समाज ने आक्रोशित होते हुए जमकर पत्थरबाजी की। अलीगढ़ में सफाई मजदूर संघ का आंदोलन शुरू हो चुका है।

उधर अलीगढ़ के अंदर भी हाथरस कांड को लेकर उबाल है। सफाई मजदूर संघ के लोगों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। शहर के अंदर सफाई के काम को नहीं करने का ऐलान करते हुए सभी सफाई कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं। हाथरस की बेटी के साथ हैवानियत को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की एसआईटी जांच का आदेश दिया है। बता दें कि एसआईटी एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।