गाजियाबाद : सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक की ओर से कहा गया है कि वह यूजर्स को किसी स्कैम का शिकार बनने से बचाएगा और ऐसे मेसेजेस चैट बॉक्स में दिखने पर अलर्ट कर देगा। इस प्रक्रिया में जनपद के 20 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा। क्योंकि अच्छी बात यह है कि मेसेजेस की मॉनीटरिंग का काम आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर करेगा। मेसेंजर ऐप में अगर यूजर किसी कॉन्टैक्ट से ऐसे चैट कर रहा होगा, जहां उसके स्कैम में फंसने की गुंजाइश हो तो फौरन फेसबुक यूजर को अलर्ट कर देगा।
यूजर्स के मेसेंजर ऐप में ऐसी ऐक्टिविटी का पता चलते ही सेफ्टी
नोटिस पॉप-अप हो जाएगा। फेसबुक के मुताबिक, यह फीचर मेसेंजर ऐप में ऐंड्रॉयड यूजर्स के लिए मार्च से ही रोलआउट हो गया है और अगले कुछ सप्ताह में आईफोन यूजर्स तक भी पहुंच जाएगा।
फेसबुक के डायरेक्टर आॅफ प्रिवेसी एंड सेफ्टी प्रॉडक्ट मैनेजमेंट जे सुलिवन की ओर से यह जानकारी देते हुए कहा गया, ‘इसकी मदद से लाखों यूजर्स की मदद की जाएगी और बिना उनकी प्रिवेसी को नुकसान पहुंचाए, उन्हें खतरनाक स्कैम्स में फंसने से बचाया जा सकेगा।
‘ उन्होंने कहा, ‘कई बार यूजर्स किसी भरोसेमंद कॉन्टैक्ट से चैटिंग करते वक्त स्कैम का शिकार हो जाते हैं और इस तरह के स्कैमर अकाउंट पहचान पाना भी आसान नहीं होता।’ आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर स्कैमर्स का पता उनके अकाउंट बिहेवियर की मदद से लगता है
ऐसे लोग ढेर सारे मेसेजेस भेजकर अलग-अलग जगह के ढेरों यूजर्स को टारगेट करते हैं। नए फीचर की मदद से वॉर्निंग नोटिस यूजर को किसी स्कैम से जुड़े मेसेज का रिप्लाइ करने से पहले ही दिया जाएगा। हालांकि, यह फीचर नहीं चेक करेगा कि मेसेज में क्या लिखा हुआ है, इस तरह एक सेफ्टी लेयर बिना प्रिवेसी को नुकसान पहुंचाए दी जा सकेगी।
फेसबुक का कहना है कि मेसेंजर पर एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन होन के चलते यूजर्स का मेसेज कंटेंट देखे बिना उने सेफ एक्सपीरियंस दिया
जाएगा। बताते चलें, मेसेंजर पहले ही कई टूल्स की मदद से स्पैम मेसेजेस को मॉनीटर करता है और प्लैटफॉर्म पर किसी तरह की अवैध गतिविधि को भी रोकने की कोशिश करता रहता है।
नए सिक्यॉरिटी फीचर को कोराना लॉकडाउन के दौरान बढ़े स्कैम्स को ध्यान में रखते हुए भी लाया गया है। फेसबुक की ओर से कहा गया है कि इसके मेसेंजर ऐप में यूजर्स के चैट्स को मॉनीटर किया जाएगा और ऐसा करना जरूरी भी है।