उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा के मामले में गिरफ्तार दिल्ली के निगम पार्षद ताहिर हुसैन पर एसआईटी का शिकंजा कसता जा रहा है। सात दिन की पुलिस रिमांड पर चल रहे ताहिर हुसैन की घटना वाले दिन की कुंडली खंगालने पर शुक्रवार को मामले की जांच कर रही एसआईटी को काफी कुछ जानकारियां हासिल हुई हैं।
दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के एक सूत्र के अनुसार, ‘घटना वाले दिन ताहिर हुसैन ने सबसे ज्यादा और लगातार जिन लोगों के साथ बात की थी, एसआईटी ने शुक्रवार को उन 15 लोगों की पहचान कर ली। यह बातचीत मोबाइल के जरिए हुई। ताहिर ने इन सबसे उसी दिन इतनी ज्यादा देर तक क्यों और क्या लंबी बातचीत की? इसका खुलासा नहीं हो सका है।’
एसआईटी सूत्रों के मुताबिक, ‘चिन्हित किए गए लोगों में ताहिर हुसैन के कई रिश्तेदार भी शामिल हैं। जिनके बारे में ताहिर ने बस इतना ही कहा है कि घटना वाले दिन वो इन लोगों को हिंसाग्रस्त इलाके में जाने को कह रहा था। हालांकि, दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के गले उसकी यह दलील कतई नहीं उतर रही है।’उम्मीद है कि शनिवार को इन चिंहित किए गए संदिग्धों को पुलिस बाकायदा कानूनी नोटिस देकर बयान दर्ज कराने के लिए तलब कर ले। एसआईटी को उम्मीद है कि भले ही दो दिन में ताहिर से कुछ विशेष हासिल ना हो सका हो, मगर आने वाले एक दो दिन में उससे काफी कुछ जानकारियां मिलने की उम्मीद हैं। ताहिर के खिलाफ मुख्य मामला अंकित शर्मा हत्याकांड का है।
जाकिर नगर में आखिरी लोकेशन मिली थी
एसआईटी की जांच में पता चला है कि ताहिर हुसैन बीती 24 फरवरी से 27 फरवरी तक चांद बाग, मुस्तफाबाद और आसपास के इलाके में ही मौजूद था। 27 फरवरी के बाद उसकी लोकेशन जाकिर नगर में मिली। यहां वह दो दिन तक रुका रहा। इस दौरान पुलिस का दबाव बढ़ने पर उसने अपना मुख्य मोबाइल नंबर भी बंद कर दिया था। इसके बाद उसने वैकल्पिक मोबाइल नंबर का ही इस्तेमाल किया, जिसकी पुलिस द्वारा तलाश की जा रही है।
पुलिस मोबाइल को ढूंढ़ रही
क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर प्रवीर रंजन के मुताबिक, आरोपी का मोबाइल भी अभी तक पुलिस को नहीं मिला है, जिसकी तलाश की जा रही है।
अब तक 683 एफआईआर
हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक 683 एफआईआर कर 1983 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने आम्र्स एक्ट में अलग से 48 एफआईआर दर्ज की हैं। वहीं, पुलिस ने अब तक अमन कमेटी की 251 बैठक पुलिस कर चुकी है।