नई दिल्ली। कांग्रेस के 7 लोकसभा सदस्यों को गुरुवार को आसन से कुछ कागज छीनने और फाडक़र उछालने के मामले में सदन का अपमान करने और घोर कदाचार के लिए मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबित किए गए कांग्रेस के इन सदस्यों में गौरव गोगोई, टीएन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, बैनी बहनान, मणिकम टेगोर व गुरजीत सिंह औजला शामिल हैं। यह मुद्दा शुक्रवार को लोकसभा में उठा।
इस पर काफी हंगामा भी हुआ। इस दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने एक अजीबोगरीब बयान दे डाला। चौधरी ने कांग्रेसी सांसदों के काम की तुलना जेबकतरे से कर दी। चौधरी ने कहा कि हम आसन का सम्मान करते हैं।
हमारे सात सांसदों को निलंबित कर दिया गया। सदन में हम लगातार मांग कर रहे हैं कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा हो, लेकिन एक साथ सात सांसदों को किस आधार पर सस्पेंड किया गया। हमें यह समझ नहीं आया। यह छोटी बात नहीं है। जेबकतरे को भी फांसी की सजा नहीं मिलती है।
इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हम विपक्ष को बाहर रखकर कार्यवाही जारी रखना नहीं चाहते। जो कल हुआ वो भारत के 70 साल के इतिहास में कभी नहीं हुआ। निलंबन की तुलना जेब काटने से नहीं की जा सकती। ये तुलना करना ठीक नहीं। आप लोग भी कई बार प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के खिलाफ गलत बोल चुके हैं, लेकिन ऐसे सदस्यों के खिलाफ कुछ नहीं किया गया। जब मीरा कुमारजी स्पीकर थीं उन्होंने 44 लोगों को बाहर किया था। सदन में बदतमीजी नहीं होनी चाहिए, मैं यही निवदेन करता हूं।