श्रमिकों को मोबाइल कंपनी में बंधक बनाने की खबरें निराधार: पुलिस

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नोएडा,  ग्रेटर नोएडा के पुलिस आयुक्त ने शुक्रवार को मोबाइल फोन का निर्माण करने वाली एक कंपनी में कोरोना वायरस फैलने और मजूदरों को बंधक बनाए जाने की खबरों को भी निराधार बताया। उपायुक्त ने कोरोना वायरस को लेकर अफवाह फैलाने वालों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। पुलिस उपायुक्त राजेश कुमार सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने और सोशल मीडिया पर बिना जाने-बूझे कोई भी संदेश आगे फॉरवार्ड नहीं करने की अपील की है। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मोबाइल कंपनी से जुड़ी अफवाह के बारे में सवाल करने पर सिंह ने बताया कि तीन दिन पहले कंपनी में चीन से एक टीम आने की सूचना मिलने के बाद वहां तनाव पैदा हो गया था।

कामगार अपना दैनिक काम करने में हिचक रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर उनसे बात की और आश्वासन दिया कि विदेश से आने वाली किसी भी टीम के सभी सदस्यों की पहले मेडिकल जांच की जाएगी। संक्रमण का संदेह होने पर उनका पूरा इलाज किया जाएगा। इसके बाद मामला शांत हो गया था। सिंह ने बताया कि बाद में फरवरी माह में कंपनी छोड़ कर जाने वाले कुछ मजदूरों ने अपनी पूरी तनख्वाह देने की मांग की। लेकिन कंपनी ने अपनी नीतियों का हवाला देते हुए कहा कि नौकरी छोड़कर जाने वालों को अंतिम वेतन 20 से 25 दिन बाद दिया जाता है। इसपर वहां कुछ हंगामा हुआ। बंधक बनाने की अफवाहों के संबंध में सिंह ने बताया कि कंपनी परिसर में ही बैरक बने हुए हैं। वहां काम करने वाले श्रमिक वहीं रहते हैं। इन्हीं के बारे में किसी ने अफवाह उड़ा दी थी कि उन्हें बंधक बनाकर रखा गया है और कंपनी परिसर से बाहर नहीं आने दिया जा रहा है।