नई दिल्ली। आम बजट में व्यक्तिगत आयकर प्रस्तावों पर अधिकतर लोगों ने संतुष्टि जाहिर की है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में आम बजट पेश किया, जिसमें नागरिकों के लिए अलग-अलग टैक्स स्लैब का विकल्प दिया गया है, जिसे लोग अपने हित में मान रहे हैं। आईएएनएस/सी-वोटर द्वारा बजट के बाद किए गए सर्वेक्षण में शामिल 57.8 फीसदी लोगों ने पांच लाख रुपये से अधिक के विभिन्न स्तरों पर आयकर छूट बढ़ाने के सरकार के फैसले को अच्छा बताया, जो करदाताओं की अधिकांश आवश्यकताओं को पूरा करता है।
संसद में बजट प्रस्तावों को पेश करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने करदाताओं को कम दरों पर करों का भुगतान करने का विकल्प दिया। नई आयकर व्यवस्था वैकल्पिक होगी और करदाताओं को पुरानी व्यवस्था या नई व्यवस्था में से एक को चुनने का विकल्प होगा।
इसके तहत ढाई लाख रुपये तक की आय करमुक्त बनी रहेगी। ढाई लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक की आय पर पांच प्रतिशत की दर से आयकर लागू होगा, लेकिन छूट के बाद पांच लाख रुपये तक की आय पर कर नहीं लगेगा।
नई आयकर व्यवस्था वैकल्पिक होगी, करदाताओं को पुरानी व्यवस्था या नई व्यवस्था में से चुनने का विकल्प होगा। यानी यह बदलाव शर्तों के साथ है। इसके लिए आपको निवेश पर मिलने वाले छूट का लाभ छोड़ना होगा। अगर आप निवेश में छूट लेते हैं, तो टैक्स की पुरानी दर ही मान्य होगी।
सर्वेक्षण के लिए लगभग 1200 अलग-अलग लोगों से उनकी राय ली गई। सर्वेक्षण के अनुसार, 27.3 फीसदी उत्तरदाताओं ने महसूस किया कि बजट के लिए सरकार के कदम काफी हद तक सही हैं और व्यक्तिगत आयकर पर प्रस्ताव ठीक-ठाक ही है।
इसके साथ ही 12 फीसदी अन्य उत्तरदाताओं ने कर की दरों और स्लैबों के साथ छेड़छाड़ करने के लिए सरकार के फैसले को गलत करार दिया।
दिलचस्प बात यह है कि अधिकांश लोग सरकार के फैसले का समर्थन करते हैं, लेकिन फैसले की शुद्ध अनुमोदन रेटिंग 45.7 फीसदी रही। 50 से नीचे की स्वीकृति रेटिंग को नकारात्मक कहा जाता है।