शाहीन बाग से बढ़े तो सीट और वोट पर नहीं पहुंच पाई सत्ता के करीब बीजेपी

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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में एक बार फिर आम आदमी पार्टी अपनी सरकार बनाती दिख रही है। अभी तक के रुझानों के मुताबिक भाजपा भले ही चुनाव हार रही हो लेकिन वह पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन करती नजर आ रही है। पिछली बार भाजपा महज 3 सीटें जीत पाई थी, जबकि इस बार वह डेढ़ बजे तक के रुझानों में 10 से ज्यादा सीटों पर आगे चल रही है। भाजपा दिल्ली में आप से कई सीटें छीनने में कामयाब होती दिख रही है। 

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी के सुधरे हुए प्रदर्शन में सीएए और उसके विरोध में हो रहे प्रदर्शन का बहुत बड़ा हाथ है। शाहीन बाग का विरोध प्रदर्शन इस चुनाव का केंद्रीय मुद्दा बन गया था। सीएए विरोधी प्रदर्शन की वजह से जहां धुव्रीकरण का बीजेपी को फायदा मिला, वहीं आम आदमी पार्टी भी लाभ में रही। नतीजन, कांग्रेस पूरी तरह से दिल्ली से साफ हो गई। महज चार प्रतिशत वोट उसके खाते में आए और एक बार फिर खाता भी नहीं खोल पाई। अगर कांग्रेस चुनावी मैदान में मजबूती से खड़ी होती तो परिणाम कुछ और भी हो सकता था।  

चुनाव को कांटे का बनाने के लिए पार्टी नेतृत्व ने भी काफी मेहनत की है। गृहमंत्री अमित शाह ने इसका जिम्मा खुद संभाला था। शाह दिल्ली की ऐसी विधानसभा सीट पर भी प्रचार के लिए पहुंचे, जहां से भाजपा को कभी जीत नहीं मिली। जनसभा के साथ-साथ स्थानीय कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए उन्होंने डोर-टू-डोर कैंपेन भी किया। उन्होंने 35 जनसभाओं के जरिए अपनी बात लोगों तक पहुंचाने की पूरी कोशिश की।

हिन्दुस्तानी लोकतंत्र के सात दशक से लंबे इतिहास में यह पहला अवसर था, जब किसी पार्टी ने अपने लगभग ढाई सौ सांसदों को दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के रण में तैनात किए थे।  उत्तर प्रदेश के फायरब्रांड मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी 12 चुनावी रैलियों को संबोधित किया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे तक ने पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने की पूरी कोशिश की। 
 
वैसे तो भाजपा ने यह चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा था, लेकिन इस बार उन्होंने केवल दो जनसभाएं ही संबोधित कीं। पिछले चुनाव में वह चार बार जनता से रूबरू हुए थे।

प्रदेश की कोर कमेटी के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रतिदिन बैठक की तो केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी कई बार कोर कमेटी के साथ बैठ करते रहे। उन्होंने चुनाव की नई रणनीति पर काम किया। भाजपा ने वॉर रूम में सोशल मीडिया टीम को भी चुनाव प्रचार में लगाया हुआ था।