हरियाणा-पंजाब तक जाएगी प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली सरकार, SC लगा चुका है फटकार

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नई दिल्ली। दिल्ली की केजरीवाल सरकार दिल्ली के वायु प्रदूषण से निपटने को प्राथमिकता देगी। गुरुवार को दिल्ली सचिवालय में वायु प्रदूषण को लेकर एक अहम बैठक हुई। दिल्ली का वायु प्रदूषण एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है। देश के सर्वोच्च न्यायलय को भी दिल्ली की जहरीली हवा पर टिप्पणी करनी पड़ी है। यहीं कारण है कि अब तीसरी बार सत्ता में आए अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में प्रदूषण कम करने को अपनी सरकार की बड़ी योजनाओं में शामिल किया है।

दिल्ली सरकार के नए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राजधानी में प्रदूषण की समस्या पर गुरुवार को उच्च अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। इस बैठक में प्रदूषण को कम करने और दिल्ली की हवा को स्वच्छ बनाने पर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए। पर्यावरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रदूषण में कमी लाना केजरीवाल सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

दिल्ली में प्रदूषण के मुख्य कारणों और उनके समाधान हासिल करके प्रदूषण को कम करने का प्रयास किया जाएगा। दिल्ली में प्रदूषण कम करने का मुद्दा आम आदमी पार्टी के चुनावी वादे में शामिल है। इसे केजरीवाल गारंटी कार्ड में शामिल किया गया है। चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपने हस्ताक्षर के साथ 10 सूत्रीय गारंटी कार्ड दिल्ली की जनता के समक्ष पेश किया था। इस गारंटी कार्ड में दिल्ली का प्रदूषण तीन गुना कम करने का वचन दिया गया है।

दिल्ली में सबसे अधिक प्रदूषण सर्दियों के सीजन में होता है। केजरीवाल सरकार अभी से इस तैयारी में जुटेगी कि कैसे अगली सर्दियों में प्रदूषण को बढऩे न दिया जाए। इस विषय पर पर्यावरण विभाग के उच्च अधिकारियों को अपनी योजना का खाका प्रस्तुत करने को कहा गया है। सर्दी के सीजन में दिल्ली में प्रदूषण बढऩे का एक बड़ा कारण पड़ोसी राज्यों हरियाणा व पंजाब से जुड़ा है। हरियाणा व पंजाब में इस दौरान खेतों की पराली जलाई जाती है जिसका धुआं दिल्ली में प्रदूषण को खतरनाक स्तर तक बढ़ा देता है।

पराली की समस्या पर दिल्ली सरकार हरियाणा व पंजाब की सरकार से भी चर्चा करेगी। दिल्ली में सर्दियों के दौरान प्रदूषण के स्तर पर लगाम लगाना राय के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सोमवार को मंत्रालयों के बंटवारे में गोपाल राय को पर्यावरण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है। केजरीवाल सरकार के पिछले कार्यकाल में गोपाल राय के पास यह जिम्मेदारी नहीं थी।