‘रिश्वत का घर’ बनी पीएम आवास योजना

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गाजियाबाद: पीएम आवास योजना में एक बड़ा खेल सामने आया है। आरोप है कि योजना के अनुदान की किस्त जारी करने के नाम पर दो सर्वे कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने कई लोगों से रिश्वत ली है। इन शिकायतों के संबंध में डूडा के अफसरों को कई पात्र आवेदकों ने सर्वे कंपनी के कर्मचारियों की ओर से रिश्वत मांगने का ऑडियो भी सुनाया है। मामले के तूल पकड़ने पर डूडा ने सर्वे करने वाली 2 कंपनियों को काम से हटा दिया है, जबकि अपने एक कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया है। इस मामले की जानकारी डीएम व अन्य उच्चाधिकारियों को भी दी गई है। प्रकरण में करोड़ों रुपये के रिश्वत का भंडाफोड़ होने की बात कही जा रही है।

सस्ते मकानों के लिए करोड़ों का अनुदान

डूडा के रिकॉर्ड के मुताबिक पीएम आवास योजना के लिए सरकार 2.50 लाख रुपये का अनुदान देती है। इसके तीन चरण होते हैं। पहले चरण में 50 हजार रुपये का अनुदान 19426 लोगों को दिया गया। इसके लिए 97.13 करोड़ रुपये पहली किस्त पर खर्च किए गए। दूसरी किस्त के लिए 12145 लोग पात्र पाए गए। इन्हें 1.50 लाख रुपये प्रति पात्र के हिसाब से अनुदान दिया गया। इन पात्र लोगों को 182.17 करोड़ रुपये दिए गए। तीसरी किस्त में प्रति पात्र व्यक्ति को 50 हजार रुपये दिया गया। 2662 लोगों में इस किस्त के 13.41 करोड़ रुपये बांटे गए। इस तरह पीएम आवास योजना के पात्र लोगों को 292.71 करोड़ रुपये वितरित किए गए।

रिश्वत में गए करोड़ों रुपये

जानकारी के अनुसार, प्रत्येक किस्त जारी करने से पहले पात्र व्यक्ति के लिए एक सर्वे होता है। सर्वे का कार्य केंद्र सरकार से नियुक्त एक एजेंसी करती है। एजेंसी के कर्मचारियों की सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर ही अनुदान की किस्त जारी की जाती है। एजेंसी के कई कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने सर्वे करने के दौरान एक फाइल पर 3-4 हजार रूपये की रिश्वत ली। इसकी बड़ी संख्यां में शिकायत मिली। कई लोगों ने कर्मचारियों की ओर से रिश्वत मांगने की रिकॉर्डिंग भी की और उस ऑडियो को डूडा के अफसरों से शेयर किया। चर्चा है कि इस योजना की किस्त जारी करने के नाम पर करोड़ों रुपये की रिश्वत ली गई है।

कंपनी पर हुई कार्रवाई, लोगों की बढ़ी दिक्कत

पीओ डूडा पी.के. शर्मा ने बताया कि सर्वे करने वाली कंपनी के कर्मचारियों की ओर से अनुदान की किस्त जारी कराने के नाम पर रिश्वत मांगने की कई शिकायतें अलग-अलग जगहों से मिली थीं। इसे देखते हुए सर्वे करने वाली कंपनी को हटा दिया गया है। वहीं सर्वे करने वाली कंपनी को हटाने की वजह से पीएम आवास योजना के पात्र लोगों की अनुदान राशि रुक गई है। पीओ डूडा का कहना है कि जल्दी ही दूसरी सर्वे कंपनी की नियुक्ति केंद्र सरकार की तरफ से हो जाएगी। इसके बाद ही सर्वे का कार्य शुरू होगा और लोगों को किस्त दी जाएगी।

डूडा के स्टाफ पर भी आरोप

इस मामले में डूडा के कुछ स्टाफ की भूमिका भी संदिग्ध मिली है। ऐसे में डूडा ने भी अपने दो कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। कुछ समय पहले राहुल नाम के एक कर्मचारी को बर्खास्त किया गया था, अब कुलदीप नाम के युवक को हटाया गया है।