गंग नहर में बहे चारों युवक नहीं मिले, बीते 4 दिन

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मुरादनगर: गंगनहर पटरी पर डिडौली गांव के सामने नहर में गिरी कार सवार 2 छात्राओं व 2 युवकों का 4 दिन बीतने के बाद भी कोई पता नहीं लग सका है। एनडीआरएफ के 11 गोताखोर युद्धस्तर पर चारों की तलाश में लगे रहे, लेकिन 3 दिन की मशक्कत के बाद टीम बैरंग लौट गई। अब मंगलवार सुबह से 1 दर्जन से अधिक निजी गोताखोरों की टीम तलाश में लगी है। लापता हुए युवक व युवतियों के परिजन ठंड में नहर के पास टकटकी लगाए बैठे हैं। उनकी आंखें गंग नहर देखते-देखते पथरा-सी गई हैं कि आखिर कब उनके अपनों का पता लग पाएगा।

मुजफ्फरनगर निवासी निशांत, हिंमाशु, अनमोल, हर्षित व देहरादून निवासी एमबीए छात्रा कनिका बिंदल, सृष्टि जोशी एक्सयूवी कार से शनिवार रात को देहरादून से दिल्ली जा रहे थे। चौधरी चरण सिंह पटरी पर डिडौली गांव स्थित बंद पड़े इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने उनकी कार अचानक रोड के किनारे खड़ी एक दूसरी कार से टकराकर 20 फीट उछली और नहर में जा गिरी। अचानक खिड़की खुलने से निशांत, हिंमाशु, कनिका व सृष्टि पानी के तेज बहाव में बह गए, जबकि अनमोल व हर्षित को मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने रस्सी डालकर नहर से बाहर निकाल लिया।

लापता हुए युवकों व छात्राओं की तलाश में एनडीआरएफ के 11 गोताखोर लगे हुए थे। एक दर्जन से अधिक स्थानीय गोताखोरों को भी इसमें लगाया गया। लेकिन, 4 दिन बीत जाने के बाद भी किसी का पता नहीं चल सका है। प्रशासन ने मंगलवार को मुरादनगर के निजी गोताखोर एहसान के नेतृत्व में गोताखोरों की टीम गठित कर चारों को तलाशने की जिम्मेदारी सौंपी। एहसान का कहना है कि जल्द ही वह चारों को ढूंढ़ निकालेंगे। उनका मानना है कि अगर एनडीआरएफ टीम अपना सर्च अभियान बंद कर दे, तो जल्द ही चारों नहर में कहीं फंसे मिल सकते हैं। इसलिए एनडीआरएफ टीम ने अपना काम बंद कर दिया है। एहसान का यह भी कहना है कि सर्दी का मौसम होने के कारण डूबे युवाओं को तलाश में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। अगर गर्मी का मौसम होता तो शायद अब तक युवाओं का पता लग गया होता।

जल्द होगा खत्म वाहनों के नहर में गिरने का खतरा: सीपी सिंह

पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता निर्माण खंड भवन सीपी सिंह ने बताया कि कांवड़ पटरी पर क्रैश बैरियर के लिए एस्टीमेट भेज जा चुका है। अब जो काम होगा उसमें दुर्घटना को ध्यान में रखते हुए 50 करोड़ रुपये सिर्फ सुरक्षा पर ही खर्च होंगे। जो नई सड़क प्रस्तावित है, वह नहर की दीवार से 9 मीटर दूर बनेगी, जिससे वाहनों के नहर में गिरने का खतरा लगभग खत्म हो जाएगा।