अमेरिका लौटे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, क्या मिला भारत को इस दौरे से, यहां जानें

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नई दिल्ली। राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप अपना दो दिवसीय दौरा समाप्‍त कर अमेरिका लौट गए हैं। इस दौरे पर दुनियाभर की नजर थी। इस दौरे से भारत को कुछ अहम डील भी हुई हैं। इनमें सबसे बड़ी डील डिफेंस से जुड़ी हुई है। इस दौरे के दौरान अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप काफी उत्साहित नजर आ रहे थे। उनकी पत्नी भी काफी खुश थीं।

यहां देखेंगे दौरे से भारत क्या हुआ फायदा…

अमेरिका के साथ हुआ 3 बिलियन डॉलर की डील…

– अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दौरे के दौरान भारत और अमेरिका के बीच 3 बिलियन डॉलर की डील हुई है। इसके तहत 24 रोमियो हेलिकॉप्टर खरीदे जाएंगे। इस दौरान भारत-अमेरिका पार्टनरशिप के महत्वपूर्ण पहलुओं में डिफेंस, सुरक्षा, एनर्जी, टेक्नोलॉजी, ट्रेड जैसे सभी मसलों पर चर्चा हुई।

– अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे की एक सबसे बड़ी सफलता अमेरिकी एनर्जी कंपनी एग्जॉन मोबिल कॉर्पोरेशन और इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन (IOC) के बीच समझौता है। दरअसल, देश के जिन शहरों में पाइपलाइन नहीं है, वहां कंटेनर के माध्यम से गैस पहुंचाने में भारत, अमेरिका की सहायता लेने वाला है। इस पहल से देश में स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल में बढ़ोतरी होगी और दोनों देशों के बीच एनर्जी सेक्टर में सहयोग बढ़ेगा।

– इसी तरह, मादक पदार्थो की तस्करी, मादक पदार्थ से जुड़े आतंकवाद और संगठित अपराध जैसी प्रमुख समस्याओं के बारे में एक नए तंत्र पर भी सहमति बन गई है जबकि कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद से निपटने में सहयोग करने को भी दोनों देश सहमत हो गए हैं।

व्यापारिक समझौते पर बनेगी बात….

दोनों देश शीघ्र ही एक बड़े व्यापारिक समझौते को अंतिम रूप दे सकते हैं। इसके बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उम्मीद जताई है कि दोनों पक्ष इस दिशा में पहले एक सीमित व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने वाले हैं। इसका कानूनी रूप से जांच-पड़ताल जल्द पूरा कर लेंगे। गोयल ने आगे बताया कि हम उम्मीद करते हैं कि सीमित व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, इस पर चर्चा हो चुकी है और अंतिम रूप दिया जा चुका है।

दोनों देशों ने बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की दिशा में आगे बढ़ने का निर्णय ले लिया है। यह पूछे जाने पर कि भारत-अमेरिकी कितनी तेजी से एफटीए को अंतिम रूप दे सकते हैं, पीयूष गोयल ने बताया कि मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है कि हम 2-3 कारणों से अपेक्षाकृत अधिक तेजी से मुक्त व्यापार समझौता करेंगे।