प्राधिकरण ने सुविधा के लिए ग्रेटर नोएडा को ईस्ट और वेस्ट का नाम दिया है। प्रदेश का सबसे आधुनिक शहर अब ग्रेटर नोएडा ईस्ट और वेस्ट के नाम से जाना जाएगा। इससे विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए समूचे शहर को आठ सर्किलों में विभाजित किया गया है।
एक सर्किल में अब कई-कई सेक्टर और गांव एक साथ होंगे। नए सर्किलों को व्यवस्थित तरीके से विभाजित किया गया है। समूचे सर्किल को भौगोलिक रूप से एक साथ जोड़ा गया है। सीवर लाइन और पानी सप्लाई के लिए अलग से सर्किल बना दिया गया है। दोनों सर्किल अपना कार्य अलग से देखेंगे। स्वास्थ्य, परियोजना, ग्राम विकास और शहरी सेवा विभाग का इसमें दखल नहीं होगा। शहर में सीवर और पानी सप्लाई की दिक्कत आएगी तो उसे दूर करने की जिम्मेदारी इन्हीं दो सर्किलों पर होगी।
शुक्रवार को प्राधिकरण सीईओ नरेंद्र भूषण ने अधीनस्थों के साथ बैठक कर सभी सर्किलों को नए सिरे से विभाजित कर उनमें प्रभारी नियुक्त किए। सूरजपुर से लेकर कासना-खेरली नहर तक पांच सर्किल होंगे। यह क्षेत्र ग्रेटर नोएडा ईस्ट के नाम से पुकारा जाएगा।
नरेंद्र भूषण (सीईओ, ग्रेनो प्राधिकरण) के मुताबिक, विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए शहर में नए सिरे से सर्किल बनाए गए हैं। ग्रेटर नोएडा को ईस्ट व वेस्ट में विभाजित किया गया है। गाजियाबाद और नोएडा से सटा क्षेत्र ग्रेनो वेस्ट के नाम से पुकारा जाएगा। जबकि दनकौर, खेरली नहर तक का क्षेत्र ग्रेटर नोएडा ईस्ट से जाना जाएगा।