नई दिल्ली। राजधानी में सात साल पहले हुए निर्भया गैंगरेप केस के चार दोषियों के लिए आज मंगलवार को फांसी की सजा का ऐलान हो सकता है। पटियाला हाउस कोर्ट सजा की तारीख तय करेगा। कोर्ट ने दोषियों के डेथ वारंट पर 7 जनवरी तक सुनवाई टाल दी थी। सोमवार को चार दोषियों में से एक के पिता की फांसी को टालने की कोशिश नाकाम हो गई।
कोर्ट ने मामले के एकमात्र चश्मदीद गवाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की याचिका खारिज कर दी। दोषी पवन गुप्ता ने कोर्ट में गवाह अवनींद्र पांडे के खिलाफ याचिका दायर की थी। पवन ने निर्भया के दोस्त पर आरोप लगाया कि उसने पैसे लेकर गवाही दी, इसलिए उसके खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए।
अदालत को शिकायत में लगाया गया कोई भी आरोप संज्ञान लेने योग्य नहीं लगा। पवन की शिकायत में आईपीसी की धारा 193 से 196 के तहत झूठे साक्ष्य पेश करने से जुड़े आरोपों को लेकर कोर्ट ने कहा कि इस पर संज्ञान लेने के लिए अदालत या उसके द्वारा नियुक्त किसी अधिकारी की ओर लिखित में कंप्लेंट जरूरी है।
गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2012 की रात चलती बस में 6 दरिंदों ने एक 23 साल की पैरामेडिकल स्टूडेंट से गैंगरेप किया था। कुछ दिनों बाद इलाज के दौरान छात्रा की मौत हो गई थी। पवन, मुकेश, अक्षय और विनय को मौत की सजा सुनाई गई। मुख्य आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी, जबकि एक नाबालिग आरोपी 3 साल बाल सुधार गृह में रहने के बाद छूट चुका है।