नोएडा। बहुचर्चित गौरव चंदेल हत्याकांड में चौथे दिन लापरवाह पुलिस कर्मियों पर गाज गिरी है। प्राथमिक जांच के बाद एसएचओ बिसरख मनोज पाठक व बिसरख कोतवाली मैं तैनात सब इंस्पेक्टर वेदपाल सिंह तोमर, राजेन्द्र कुमार व कोतवाली फेज 3 के अंतर्गत गढ़ी चौखण्डी के इंचार्ज सब इंस्पेक्टर मान सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
मालूम हो कि 7 जनवरी को ग्रेटर नोएडा वेस्ट गौर सिटी निवासी संजय किशोर ने गुरुग्राम स्थित कंपनी के अधिकारी गौरव चंदेल की लास्ट लोकेशन हरनंदी के पास होने की सूचना दी थी,लेकिन पुलिस कर्मियों ने कोई कार्रवाई नहीं कि थी। जिससे उपरोक्त पुलिस कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगा था।
यह कार्रवाई शुक्रवार को गौरव के स्वजनों से मिलने पहुंचे आइजी आलोक सिंह के निर्देश पर हुई है। आइजी ने लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी। जिसके बाद देर रात यह कार्रवाई की गई। पुलिस कर्मियों के लापरवाही बरतने के संबंध सीओ 3 ग्रेटर नोएडा राजीव कुमार ने जांच की थी। जांच में चेरी काउंटी चौकी प्रभारी सब इंस्पेक्टर सन्नी जावला, चौकी इंचार्ज गौर सिटी का व्यवहार घटना के दिन संतोषजनक नहीं था। जिसके चलते दोनों सब इंस्पेक्टर को पुलिस लाइन हाजिर किया गया है। इसके साथ ही फेज तीन के गढ़ी चौखण्डी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर मान सिंह एवं बिसरख कोतवाली के सब इंस्पेक्टर वीर पाल सिंह व राजेन्द्र सिंह के को निलंबित किया गया है।
पुलिस कर्मियों ने नहीं की थी मदद
स्वजनों का आरोप है कि सोमवार देर रात गौरव को मोबाइल फोन बंद होने के बाद उन्होंने गौर सिटी सहित बिसरख कोतवाली से मदद मांगी थी। लेकिन पुलिस ने अगले दिन 10 बजे आने को कहा था। इसके बाद वे लोग गढ़ी चौखंडी व पर्थला चौकी पहुंचे। वहां भी कोई पुलिस वाला नहीं मिला। यहां भी भी पुलिस ने मदद करने से मना कर दिया। जिसके बाद स्वजनों ने खुद ही पूरी रात सड़कों पर गौरव चंदेल को ढूंढना शुरू कर दिया। मंगलवार तड़के चार बजे गौरव के शव को हरनंदी पुल से पहले सर्विस लेन पर ढूंढ निकाला। स्वजनों का का आरोप है कि अगर पुलिस रात में ही कार्रवाई करती है, तो गौरव जिंदा होते। लापरवाही बरतने के मामले में पूर्व एसएसपी वैभव कृष्णने भी जांच के आदेश दिए थे।