DELHI ASSEMBLY ELECTIONS : जावड़ेकर बोले- विकास किया दिल्ली में केंद्र ने, अटकाए केजरीवाल ने रोड़े

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री और दिल्ली चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को यहां कहा कि वे विकास के मुद्दे पर दिल्ली चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन आप सरकार और उनके विधायकों ने दिल्ली में हिंसा फैलाई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिल्ली कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को सबोधित करते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के लिए लागू की गई योजनाओं का रिपोर्ट कार्ड जारी किया। जावड़ेकर ने कहा कि 40 लाख लोगों को मकान का मालिकाना हक दिया गया और आगे तीन साल में इन बस्तियों का विकास होगा।

जावड़ेकर ने वादा किया कि मोदी सरकार तीन लाख झुग्गीवासियों को झुग्गी की जगह ही मकान देगी, जो दो बेडरूम का होगा। सरकार ने 10 लाख दुकानों को फ्री होल्ड किया है। मेट्रो के विकास का श्रेय लेते हुए जावड़ेकर ने कहा, “मेट्रो में आज 60 लाख यात्री रोज सफर कर रहे हैं। 180 किलोमीटर मेट्रो को बढ़ाया गया है..रैपिड रेल का भी विस्तार किया जा रहा है। साथ ही देश का सबसे टनल दिल्ली में बनाया जा रहा है।”

उन्होंने कहा, 900 करोड़ रुपये की लागत से प्रगति मैदान के पास टनल बनाया जा रहा है। मोदी सरकार के फैसले से धौला कुआं के पास लगने वाला जाम खत्म हो गया है। दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार बताते हुए जावड़ेकर ने कहा, “दिल्ली प्रदूषण को रोकने के लिए केजरीवाल ने सिर्फ विज्ञापन दिए, हमने काम किया। हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की घटना कम हो गई है। केंद्र ने ही बदरपुर पावर प्लांट को बंद किया। सरकार ने ईस्टर्न वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे तैयार किया है, जिससे 60 हजार वाहनों की दिल्ली में कमी आई।”

पुलिस में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण दिया गया और भर्ती शुरू हो गई है। व्यापरियों को दिए गए फायदा को गिनाते हुए जावड़ेकर ने कहा, “जीएसटी भरने वाले कारोबारियों को 10 लाख का दुर्घटना बीमा दिया गया और पेंशन की व्यवस्था की गई। परंतु इनमें से आधी योजनाओं पर केजरीवाल दावा करते हैं। मेट्रो के चौथे फेज को लेकर केजरीवाल सरकार ने विवाद पैदा किया और जानबूझकर लटकाया। बाद में कोर्ट को दखल देना पड़ा।”

जावड़ेकर ने कहा, “अगर जेएनयू में भारत विरोधी नारे लगाने वाले देश द्रोहियों पर करवाई की गई होती तो शाहीनबाग में आज जो नारे लगाए जा रहे हैं, वे नहीं लगते। दिल्ली सरकार ने मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं दी।”