Delhi Assembly Election 2020: संभावित उम्मीदवारों की कुंडली पहुंची ज्योतिषियों के पास

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Delhi Assembly Election 2020: दिल्लीविधानसभा चुनाव 2020 की अधिसूचना जारी होने के इंतजार में दिल्ली के तीनों प्रमुख सियासी दलों आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party), भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) और कांग्रेस (Congress) के टिकटार्थी इन दिनों बेचैन से नजर आ रहे हैं। AAP के तो कुछ विधायकों को भी अपना टिकट कटने का भय सता रहा है वहीं तीनों पार्टियों से टिकट पाने की आस संजोए अनेक उम्मीदवार ज्योतिषाचार्यों के आश्वासन के सहारे अपने मन को तसल्ली देने में लगे हैं। अपने सियासी भविष्य का हाल जानने के लिए बहुत से संभावित उम्मीदवार ज्योतिष की शरण ले रहे हैं। कुछ ने तो ज्योतिष आचाार्यों के बताए उपाय भी करने शुरू कर दिए हैं।

6 जनवरी के बाद होगा चुनाव की तारीखों एलान

छह जनवरी को मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद दिल्ली में विधानसभा चुनाव की घोषणा किसी भी दिन कर दिए जाने की संभावना है। वैसे तौ मौजूदा विधानसभा की वैधता अवधि 22 फरवरी तक है और इससे पहले नई सरकार का गठन हो जाएगा, लेकिन, एक कयास यह भी लगाया जा रहा है कि 15 फरवरी से शुरू होने वाली सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं से पहले ही सारी चुनाव प्रक्रिया निपट जाएगी। ऐसे में टिकटार्थियों के पास समय बहुत कम रह गया है। सभी जोड़तोड़ के साथ टिकट पक्का करने के लिए हर संभव उपाय भी कर ले रहे हैं।

अगले 10 दिनों में सभी पार्टियां करेंगी उम्मीदवारों का एलान

पार्टी सूत्रों के मुताबिक अगले 10 दिन के भीतर सभी पार्टियों उम्मीदवारों में पहली सूची जारी कर सकती है। ऐसे में तीनों ही पार्टियों से टिकट मांग रहे कुछ उम्मीदवार इन दिनों ज्योतिषियों के चक्कर भी खूब लगा रहे हैं। अपना सियासी भविष्य भी जानना चाह रहे हैं और यह भी सुनिश्चत कर लेना चाहते हैं कि उनको टिकट मिल पाएगा या नहीं। टिकट पक्का करने के लिए कुछ उम्मीदवार गुपचुप पूजा भी करा रहे हैं तो कुछ पंडितों के बताए अन्य उपाय करने में भी पीछे नहीं हैं। चाहे वह उपाय दान पुण्य से जुड़े हों या कुछ टोटके से संबंधित हों।

आचार्य कृष्णदत्त शास्त्री बताते हैं कि उनके पास ऐसे कई उम्मीदवारों की कुंडली आई है। ऐसे उम्मीदवारों के सवाल एक जैसे ही थे कि हमारी टिकट कटेगी या बचेगी और अगर टिकट कट गई तो फिर भविष्य में सत्तासुख कब तक मिल पाएगा? इसी तरह की जानकारी ज्योतिषाचार्य डॉ. नंदन मिश्र से भी मिली। उन्होंने बताया कि उनके पास आप, भाजपा और कांग्रेस तीनों पार्टियों के अनेक संभावित उम्मीदवारों की कुंडली किसी न किसी के मार्फत आई है। कहने का मतलब यह कि किसी कारणवश वे टिकटार्थी स्वयं नहीं आए बल्कि उन्होंने अपनी कुंडली भिजवा दी। उनके मुताबिक सभी के सवाल चुनावी हार जीत और राजनीतिक भविष्य से जुड़े रहे हैं।