नई दिल्ली। राजधानी स्थित तीस हजारी कोर्ट ने मंगलवार को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को उपचार और विधानसभा चुनाव के उद्देश्य से दिल्ली आने की इजाजत देते हुए उनसे कहा कि वे दिल्ली पुलिस को अपने यात्रा कार्यक्रम की जानकारी दें। चंद्रशेखर को अपना पूरा शेड्यूल एक दिन पहले डीसीपी क्राइम और कनर्सन डीसीपी को देना होगा। चंद्रशेखर पर पिछले महीने जामा मस्जिद में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान लोगों को भडक़ाने का आरोप है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने चंद्रशेखर की जमानत के आदेश में बदलाव करते हुए निर्देश दिए। चंद्रशेखर के खिलाफ 20 दिसंबर को दरियागंज क्षेत्र में हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा के सिलसिले में केस दर्ज किया गया था। अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह चुनाव आयोग से इस बात की पुष्टि करें कि दिल्ली में उनका कार्यालय एक राजनीतिक दल का दफ्तर है या नहीं।
अदालत चंद्रशेखर द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने जमानत आदेश की शर्तों में संशोधन का आग्रह किया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा कि कोई भी ऐसी सामग्री नहीं है जो यह बताती हो कि वह कानून व्यवस्था या राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ है। लोकतंत्र में चुनाव सबसे बड़ा उत्सव होता है और इसमें लोगों की अधिकतम भागीदारी होनी चाहिए। ऐसे में चंद्रशेखर को इसमें भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए।
इससे पहले कोर्ट ने चंद्रशेखर को सशर्त जमानत देते हुए 4 सप्ताह के लिए दिल्ली से बाहर रहने का आदेश दिया था। उन्हें इस शर्त पर जमानत दी गई थी कि वे चिकित्सा उपचार को छोडक़र अगले चार सप्ताह तक दिल्ली नहीं आएंगे और इस दौरान किसी भी विरोध प्रदर्शन में शामिल भी नहीं होंगे। अभी तक चंद्रशेखर को हर शनिवार एसएचओ सहारनपुर को अपनी अटेंडेंस देनी पड़ती थी। पुलिस का आरोप था कि चंद्रशेखर के भडक़ाऊ भाषण के बाद हिंसा हुई। हालांकि कोर्ट ने इस संबंध में पुलिस से सबूत और रिकॉर्डिंग मांगी थी, लेकिन पुिलस रिकॉर्डिंग पेश नहीं कर पाई।