DELHI ASSEMBLY ELECTION : कायम रहेगी हरियाणा की दोस्ती! BJP दे सकती है JJP को 4-5 सीटें

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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जननायक जनता पार्टी (जजपा) की हरियाणा की दोस्ती दिल्ली में भी कायम रह सकती है। इस बाबत हरियाणा के उपमुख्यमंत्री और जजपा संयोजक दुष्यंत चौटाला लगातार भाजपा हाईकमान के संपर्क में हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में सीटों के तालमेल के लिए दुष्यंत की एक दौर की बातचीत भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से हो चुकी है और सूत्रों के अनुसार जजपा को भाजपा चार-पांच सीटें दे सकती है।

सूत्रों के मुताबिक, दुष्यंत ने जेपी नड्डा से मुलाकात में एक दर्जन सीटों पर अपनी दावेदारी की है, लेकिन भाजपा उन्हें चार-पांच सीटें दे सकती है। इस सिलसिले में दोनों ही नेताओं के बीच एक दौर की और बातचीत होनी है, जिसमें सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला होगा। सूत्र ने यह भी बताया है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर भी जजपा के साथ गठबंधन के हिमायती हैं।

लेकिन हरियाणा और दिल्ली के जाट नेता इस गठबंधन के खिलाफ हैं। सूत्र ने कहा कि भाजपा के आंतरिक सर्वे में पार्टी को कम सीटें मिलती दिख रही हैं। ऐसे में भाजपा हाईकमान कोई रिस्क लेना नहीं चाहता है। दरअसल, जजपा के साथ दिल्ली में अगर भाजपा का गठबंधन नहीं हुआ तो इसका नुकसान भाजपा को ज्यादा हो सकता है।

जजपा हर हाल में दिल्ली का चुनाव लडऩा चाहती है। पार्टी ने संकेत दिया है कि गठबंधन नहीं होने की सूरत में जजपा 10 से 12 उम्मीदवार मैदान में उतार सकती है। जजपा इस बाबत गुरुवार को एक और बैठक करने जा रही है।

उल्लेखनीय है कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश से सटीं लगभग 15 सीटें ऐसी हैं, जहां जाट वोट बहुलता में है। जजपा इन्हीं सीटों पर फोकस कर रही है। दिल्ली मे भाजपा और इनेलो ने 1998 का विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था। उस समय इनेलो को नजफगढ़, महिपालपुर और बवाना सीटें दी गई थीं।

हालांकि इनेलो एक भी सीट जीत नहीं पाई थी। लेकिन 2008 में नजफगढ़ से इनेलो ने जीत हासिल की थी। दुष्यंत को लगता है कि बाहरी दिल्ली में वह बेहतर कर सकते हैं और इसीलिए भाजपा भी उन्हें भाव दे रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव की 70 सीटों के लिए मतदान आठ फरवरी को होना है और नतीजे 11 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।