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मुरादाबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि देश में हर जाति-धर्म का व्यक्ति हमारा अपना है और संघ सबको हिंदू समाज का अंग मानता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत को मजूबती के साथ खड़ा कराना संघ का यही लक्ष्य है। संघ के पश्चिम क्षेत्र के प्रचारकों व कार्यकर्ताओं से संवाद के लिए यहां चार दिवसीय प्रवास पर आए भागवत ने तीसरे दिन यहां एमआईटी सभागार में कहा कि भारत शांति के रास्ते पर तभी चल सकेगा, जब वह दुनिया में ताकतवर होगा। इसलिए देश को समर्थवान बनाना होगा।

मोहन भागवत ने कहा कि रूस महाशक्ति बना, अमेरिका लगभग महाशक्ति है और चीन इस ओर बढ़ रहा है। ये महाशक्तियां क्या करती हैं..क्या ये दूसरों की जमीन नहीं हड़पतीं?, ये मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं करती? मगर इन्हें कोई दोष नहीं देता है, क्योंकि ये महाशक्तियां हैं। ‘समरथ को नहिं दोष गुसाईं’ (समर्थवान के दोष को नहीं देखना चाहिए) दुनिया ऐसे ही चलती है।”

भागवत ने आगे कहा कि स्वामी विवेकानंद कहा करते थे कि दुर्बलता ही पाप है, इसलिए निर्भय हो और शक्ति संपन्न बनों, तभी लोग अच्छी बाते मानते हैं। हम तो भलाई करते ही रहे हैं। स्वतंत्र होने के बाद भी शांति के रास्ते पर चलते रहे, लेकिन उस रास्ते पर दुनिया हमें (भारत को) तब चलने देगी जब हमारे पास ताकत आएगी।

भागवत ने कहा कि पूर्वजों के गौरव का झंडा लेकर उनके जैसा आचरण करने वाला और सब प्रकार से समाज की सेवा करने वाला हर कोई हिंदू है। चाहे वह किसी भी धर्म-जाति का हो। हम अपने देश की पहचान को नहीं बदल सकते। हम किसी से जाति-धर्म या किसी भी प्रकार से भेद नहीं कर सकते। हमें हिंदू समाज को संगठित कर देश को शक्ति बनाना है।

इस दौरान मोहन भागवत ने उन बातों का भी जवाब दिया कि जिसमें कहा जाता है कि संघ के पास भारतीय जनता पार्टी (BJP) का रिमोट कंट्रोल है। भागवत ने कहा कि मीडिया कहता है कि हमारे पास किसी का रिमोट कंट्रोल है। हम चुनाव जीतने के लिए काम नहीं करते। हमारा देश आगे बढ़े इसके लिए काम करते हैं। देश को हमें देना है, इससे लेना नहीं है। संघ बिना धन्यवाद की उम्मीद किए काम करता है।