नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए 12 राज्यों के 22 बच्चों को प्रदान किया है। इनमें 10 लड़कियों और 12 लड़कें सहित कुल 22 बच्चों को प्रदान किया गया है।
यहां जानें वीर बालकों की कहानी….
यात्रा करते वक्त बस में लगी आग से 40 लोगों की जान बचाने के लिए आदित्य (15) को प्रतिष्ठित भारत पुरस्कार दिया जाएगा। इस हादसे में जैसे ही यात्रियों को निकाला गया, वाहन के डीजल टैंक में विस्फोट हो गया और उसमें आग लग गई।
इस वर्ष आईसीसीडब्ल्यू ने पांच विशेष पुरस्कार- आईसीसीडब्ल्यू मरक डेय अवार्ड, आईसीसीडब्ल्यू ध्रुव अवार्ड, आईसीसीडब्ल्यू अभिमन्यु अवार्ड, आईसीसीडब्ल्यू प्रहलाद अवार्ड और आईसीसीडब्ल्यू श्रवण अवार्ड की घोषणा की है।
आईसीसीडब्ल्यू मरक डेय पुरस्कार अपने चार साल के भाई को तेंदुए से बचाने के लिए उत्तराखंड की 10 वर्षीय राखी को दिया गया है। इस घटना में उसे कई चोटें भी आई थीं।
आईसीसीडब्ल्यू ध्रुव पुरस्कार मगरमच्छों से भरी नदी में एक नाव के पलट जाने और हादसे में 12 लोगों को डूबने से बचाने के लिए ओडिशा की 16 साल की पूर्णिमा गिरि और 15 साल की सविता गिरि को चुना गया है।
आईसीसीडब्ल्यू अभिमन्यु पुरस्कार समुद्र से अपने तीन दोस्तों की जान बचाने के लिए मुहम्मद मुशीन ई.सी. को मरणोपरांत दिया गया है। इस प्रक्रिया में उसकी मौत हो गई थी।
अपनी सहेली को ट्रेन हादसे से जान बचाने के लिए 10 साल की स्मृति बदरा को आईसीसीडब्ल्यू प्रहलाद पुरस्कार के लिए चुना गया है। इस हादसे में उसकी सहेली का पैर कट गया था।
आईसीसीडब्ल्यू श्रवण पुरस्कार जम्मू एवं कश्मीर में घर पर हुई बमबारी से अपनी बहनों और माता-पिता को सुरक्षित बाहर निकालने और उनकी जान बचाने के लिए सरताज मोहिउद्दीन मुगल को दिया गया है।
कमल कृष्ण दास (असम), कांति पैकरा (छत्तीसगढ़), भमेश्वरी निर्मलकर (छत्तीसगढ़), अलिका (हिमाचल प्रदेश), आरती किरण शेट (कर्नाटक), वेंकटेश (कर्नाटक), मुदासिर अशरफ (जम्मू एवं कश्मीर), फतह पी.के. (केरल), जेन सदावर्ते (महाराष्ट्र), मास्टर आकाश मनचिंद्र खिलारे (महाराष्ट्र),लौरेम्बम याइकोम्बा मंगांग (मणिपुर), एवरब्लूम के .नोंग्रम (मेघालय), मास्टर लल्लिसांगा (मिजोरम), कैरोलिन मालस्वामटलुन्गी (मिजोरम) और मास्टर वनलहरिअतृंगा (मिजोरम) अन्य बच्चे हैं, जिन्हें इस पुरस्कार के लिए चुना गया है।