गंगा यात्रा के लिए उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ पहुंचीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने वहां लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि- ‘मैं चाहती हूं कि वो लोग जो शाहीन बाग में बैठे हैं वो समझें कि हिंदुस्तान को तोड़ने की बात किसी भी हिंदुस्तानी का संस्कार नहीं हो सकता। हिंदुस्तान को कलंकित करने का संस्कार किसी भी हिंदुस्तानी का नहीं हो सकता।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘हिंदुस्तान की फौज को धिक्कार देने वाले शब्द किसी हिन्दुस्तानी के मुख से नहीं निकल सकते। और अगर मैं मां गंगा से कुछ मांगूं तो उन लोगों के लिए सदबुद्धी मांगूंगी जो लोग खाते हैं जमीन का गाते हैं किसी और का।’
बता दें कि इससे पहले बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा यात्रा में शामिल होने के बाद एक जनसभा में विपक्षी समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा था कि भारत के प्रति जिनकी भाषा दुश्मनों जैसी है, वे गंगा यात्रा का महत्व नहीं समझ पाएंगे। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा गंगा यात्रा का मजाक उड़ाए जाने पर योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘भारत की परंपरा पुरुषार्थ पर विश्वास करती है और अगर धर्म उसका आधार है तो अर्थ उसकी दूसरी श्रेणी में आता है। इसके बाद ही कामनाओं की सिद्धि होती है और तभी व्यक्ति को मोक्ष भी मिलता है।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जिन्हें भारत की परंपरा, संस्कृति का ज्ञान नहीं, जिन्होंने देश की कीमत पर राजनीति की हो, जिन्होंने गरीबों को उनकी सुविधाओं से वंचित किया हो, उन लोगों से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वे गंगा के अर्थ को समझ पाएंगे, भारत की सांस्कृतिक विरासत के बारे में कुछ जान पाएंगे।’ उन्होंने सपा के शासनकाल में 2013 में प्रयाग में हुए कुम्भ का 2019 के कुम्भ से तुलना करते हुए कहा कि 2013 में कुम्भ के आयोजन पर सरकार ने हजारों करोड़ रुपये खर्च किए और कुल 12 करोड़ श्रद्धालु आए थे। वहीं, 2019 का कुम्भ स्वच्छता, सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के मामले में दुनिया का अनूठा आयोजन बन गया।