नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यूनिटेक रियल एस्टेट मामले में यूनियन ऑफ इंडिया द्वारा मैनेजमेंट टेकओवर को मंजूरी दे दी। इसके अलावा पूर्व आईएएस अधिकारी युद्धवीर सिंह मलिक को कंपनी का सीएमडी नियुक्त करने का आदेश दिया। कोर्ट ने यूनिटेक के लिए 7 सदस्यों का नया बोर्ड बनाया है। कोर्ट अब यूनिटेक बायर्स मामले में दो माह तक सुनवाई नहीं करेगा। कोर्ट ने कहा है कि नया बोर्ड मौजूदा प्रोजेक्ट्स को नहीं रोक सकता है।
हालांकि वह पुराने प्रोजेक्ट्स की जांच कर सकता है। फिलहाल किसी पुराने प्रमोटर को नॉमिनी डायरेक्टर के तौर पर नियुक्त नहीं किया जा सकता। नई व्यवस्था प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए रफ्तार बढ़ाने की मंशा से की गई है, लेकिन यूनिटेक के खिलाफ चल रही जांच बंद नहीं होगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल 18 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या वह वर्ष 2017 के अपने प्रस्ताव पर विचार करने के लिए तैयार है। कोर्ट बोला कि भारी कर्ज में डूबी यूनिटेक लिमिटेड के प्रोजेक्ट्स को किसी विशिष्ट एजेंसी द्वारा हाथ में लेने की तत्काल जरूरत है। ऐसा करने से घर खरीदारों के हित में अटके प्रोजेक्ट्स को तय समय के अंदर पूरा किया जा सकेगा।
आपको बता दें कि वर्ष 2007 से 2010 के दौरान कंपनी द्वारा टैक्स चोरी के लिहाज से पनाहगाह माने जाने वाले देशों में बड़े निवेश के बारे में भी पता चला था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक लिमिटेड के प्रमोटर्स के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया था।
यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा और उनके भाई अजय चंद्रा घर खरीदारों से प्राप्त धन की हेराफेरी के आरोप में फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। यह दूसरी बार है जब केंद्र ने इस तरह किसी कंपनी का टेकओवर किया हो। इससे पहले 2009 में सत्यम का सरकार ने टेक ओवर किया था, बाद में महिंद्रा आईटी ने कंपनी को टेक ओवर किया था।