जिले के होमगार्डों को अगस्त से वेतन नहीं मिला है। विभागीय अधिकारियों के साथ ही डीएम बीएन सिंह और विभागीय मंत्री से भी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। हर तरफ से मायूसी हाथ लगने के बाद ट्विटर पर अपनी पीड़ा बताई। कुछ होमगार्डों ने ट्वीट कर डीएम से पूछा कि साहब, बजट नहीं तो क्या अपने बच्चों को हम जहर खिला दें। बच्चों की फीस तक जमा नहीं कर पा रहे। कमरे का किराया तो छोड़िए, अब खाने के लिए भी रुपये नहीं है।
नोएडा एआरटीओ कार्यालय में तैनात एक होमगार्ड ने बताया कि अगस्त से वेतन नहीं मिला है। वेटिंग में डाल दिया गया है। अधिकारियों के कई बार चक्कर काट चुके हैं। एआरटीओ के अधिकारी बता रहे हैं कि शासन से बजट नहीं आया है। परेशान होकर कई बार अपने विभाग के अधिकारियों और मंत्री से भी बात की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। बच्चों की फीस जमा नहीं करने पर अब स्कूल वाले नाम काटने की धमकी दे रहे हैं। उन्हीं के एक अन्य साथी ने बताया कि सितंबर से उन्हें वेतन नहीं मिला है। बच्चों की फीस तब से ही जमा नहीं कर सके हैं। बिजली बिल जमा नहीं होने से घर की बिजली भी कट गई। दूधवाले को रुपये नहीं मिले तो उसने दूध देना बंद कर दिया है। पिछले दिनों बेटा बीमार हो गया तो कर्ज लेकर उसका इलाज कराया।
वर्जन
जिले में आए हुए 6 दिन ही हुए हैं। पिछले घटनाक्रम से ऑफिस अभी सील है। किसी तरह अक्टूबर और नवंबर का मस्टररोल (उपस्थिति) भेज दी है। 70 फीसदी वेतन एक-दो दिन में मिल जाएगा। शेष 30 पर्सेंट का भुगतान भी एक सप्ताह के अंदर करा देंगे।
– वेदपाल सिंह चपराणा, कमांडेंट