नई दिल्ली। पांच साल की बच्ची ‘गुडिय़ा’ के साथ गैंगरेप केस के दोनों दोषियों को राजधानी के एक कोर्ट ने गुरुवार को सजा सुनाई। कडक़डड़ूमा कोर्ट ने दोषी मनोज शाह और प्रदीप को 20-20 साल की सजा दी है। साथ ही उन्हें 11 लाख रुपए बतौर मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। दोनों दरिंदों ने अपहरण के बाद मासूम के साथ बर्बरता के साथ दुष्कर्म किया था।
उपचार के दौरान बच्ची के शरीर से मोमबत्ती और कांच की शीशी निकली थीं। जिस निर्भया गैंगरेप ने पूरे देश को हिला दिया था, उसके चार महीने बाद ही यह घटना हुई थी। 15 अप्रैल 2013 की शाम गांधी नगर से बच्ची लापता हो गई थी।
दो दिन बाद वह घर के पास ही घायल मिली थी। उसे एम्स में भर्ती कराया गया था। मामले की सुनवाई की दौरान 59 गवाहों ने बयान दर्ज कराए। दोनों दोषियों पर जान से मारने की कोशिश, गैंगरेप, किडनैपिंग, सबूत मिटाने और पोक्सो के तहत केस दर्ज किया गया था।
सजा के ऐलान के बाद मासूम के पिता ने कहा कि ऐसे लोगों को फांसी से कम नहीं होनी चाहिए। मेरी बेटी आज भी तकलीफ में है। उसकी 7 सर्जरी हुई है। मुझे इन लोगों से आज भी जान का खतरा है। मैं घटना के बाद से गांव नहीं जा पाया हूं। इस मामले में शिकायतकर्ता बचपन बचाओ आंदोलन के एडवोकेट एएएस फुल्का ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि दोषियों ने जो गुनाह किया है, उसके लिए यह न्यूनतम सजा है। हम और कड़ी सजा के लिए हाईकोर्ट जाएंगे।