बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन : इन बातों को लेकर गृह मंत्री शाह ने कांग्रेस और केजरीवाल पर बोला हमला

Share

नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को यहां बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया। शाह ने मोदी सरकार की तारीफ करने के साथ विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों खास तौर से कांग्रेस को घेरा। साथ ही दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी जमकर निशाना साधा। शाह ने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि आज का ये दृश्य बता रहा है कि फरवरी के अंत में दिल्ली में किसकी सरकार बनने वाली है।

मैं मीडिया के मित्रों से कहना चाहता हूं कि ये जनता नहीं है, इतनी बड़ी संख्या में ये बूथ के चुनिंदा कार्यकर्ता हैं। जनता को कोई झांसा सिर्फ एक बार दे सकता है, बार-बार नहीं दे सकता। एक बार केजरीवालजी ने झांसा दे दिया। उसके बाद नगर निगम के चुनाव हुए तो आप पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया। लोकसभा के चुनाव हुए तो आप पार्टी का सूपड़ा साफ हुआ और भाजपा का झंडा लहराया। बाकी पार्टियों के लिए चुनाव सत्ता प्राप्त करने का साधन हो सकता है। लेकिन भाजपा लोकतंत्र में विश्वास करती है। हम मानते हैं कि चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है।

भाजपा कार्यकर्ताओं के पास मौका है कि दिल्ली के घर-घर में जाकर हमारी नीतियां जनता तक पहुंचाएं। भाजपा को चुनाव सभाओं से नहीं लडऩा है, बल्कि घर-घर जाकर लडऩा है। मौहल्ला मीटिंग करके लडऩा है। इस मौहल्ला मीटिंग की शुरुआत मैं ही करने जा रहा हूं। केजरीवालजी अखबारों में अपनी फोटो वाला विज्ञापन देकर बधाई दे रहे हैं। अरे आपने कौनसा काम पूरा कर लिया, ये तो बताइए। 5 साल सरकार चलाने के बाद आप अब कामों को शुरु कर रहे हैं।

हमने कहा था कि दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत करेंगे। नरेंद्र मोदी जी ने अनधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत करने की शुरुआत कर दी है। 1984 में सिखों का नरसंहार हुआ। कई सिख भाई-बहनों का कत्ले आम कर दिया। कांग्रेस की सरकारें उनके घावों पर मरहम नहीं लगाती थी। मोदी सरकार ने हर पीडि़त को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा दिया और जो दोषी थे उन्हें जेल की सलाखों के पीछे डालने का काम किया।

केजरीवालजी ने दिल्ली के लिए क्या किया जरा बताइए। आपने कहा था कि 20 कॉलेज बनाएंगे, ये कॉलेज कहां गए पता नहीं। 5000 से ज्यादा स्कूल बनाने का वादा किया था, मैं चश्मा चढ़ा के देख रहा हूं कि कहां स्कूल बने, पर कहीं नहीं दिखता। दिल्ली में 15 लाख सीसीटीवी कैमरे लगने थे, लेकिन नहीं लगे।

अनुबंधित शिक्षकों-कर्मचारियों को पक्का करना था, वो नहीं किया। और हम जो देना चाहते थे उसमें भी केजरीवाल रुकावट बने हैं। दिल्ली की जनता अब इन्हें जान चुकी है। अभी-अभी प्रधानमंत्री जी सीएए को लेकर आएं। सीएए को कैबिनेट ने मंजूरी दी लोकसभा ने पारित किया और केजरीवाल, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने विशेषकर जनता को गुमराह किया और दंगे करवाने का काम किया है।