प्रशांत किशोर अमित शाह के शाहीन बाग वाले बयान पर बोले

Share

जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) कैंप से सबसे पहले नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने वाले प्रशांत किशोर ने गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान पर पलटवार किया है। शाह ने बाबरपुर में एक चुनावी रैली के दौरान कहा था कि ईवीएम का बटन इतने गुस्से के साथ दबाना कि बटन तो बाबरपुर में दबे और करंट शाहीन बाग के अंदर लगे। इस पर जेडीयू नेता प्रशांत किशोर ने कहा है कि बटन तो प्यार से ही दबेगा। 

प्रशांत किशोर ने ट्वीट करे कहा है कि 8 फ़रवरी को दिल्ली में EVM का बटन तो प्यार से ही दबेगा। ज़ोर का झटका धीरे से लगना चाहिए ताकि आपसी भाईचारा और सौहार्द ख़तरे में ना पड़े।

अमित शाह ने एक चुनावी बैठक में कहा कि दिल्ली के चुनाव में भाजपा के लिए मतदान करने से शाहीन बाग जैसी हजारों घटनाएं रुकेंगी। शाह ने विभिन्न मुद्दों पर आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं पर हमला करते हुए कहा कि केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही देश की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।

बाबरपुर निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार के लिए प्रचार करते हुए उन्होंने कहा, भाजपा उम्मीदवार को आपका मत दिल्ली और देश को सुरक्षित बनाएगा और शाहीन बाग जैसी हजारों घटनाओं को रोकेगा। दक्षिण पूर्वी दिल्ली के शाहीनबाग में दिसंबर मध्य से बड़ी संख्या में महिलाएं संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) के खिलाफ धरना दे रही हैं। भाजपा नेता ने कहा, जब आप आठ फरवरी को (ईवीएम का) बटन दबाएंगे, तो आपके गुस्से की आहट (चुनाव परिणाम) शाहीन बाग में महसूस की जानी चाहिए।

उन्होंने रोहतास नगर निर्वाचन क्षेत्र में एक अन्य चुनावी सभा को संबोधित करते हुए लोगों से पूछा, क्या आप उनका वोटबैंक हैं? राहुल बाबा और केजरीवाल देश को बांटने के नारे लगाने वाले टुकडे़ टुकडे़ गिरोह को क्यों बचाना चाहते हैं? वे ऐसा अपने वोट बैंक को लेकर डर के कारण करते हैं। उन्होंने कहा, अगर झूठ बोलने और झूठे वादे करने का कोई सर्वेक्षण किया जाए तो केजरीवाल सरकार उसमें अव्वल आएगी। शाह ने वादा किया कि यदि दिल्ली में भाजपा की सरकार बनती है तो झुग्गियों में रहने वालों को पांच साल के अंदर दो कमरों का मकान मिलेगा।

गौरतलब है कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर आठ फरवरी को मतदान होना है और 11 फरवरी को नतीजे आएंगे। दिल्ली के चुनावों के लिए बीजेपी और कांग्रेस बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के चुनावी मैदान में हैं और आप एक बार फिर अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में आप ने 70 में से 67 सीटों पर जीता हासिल की थी जबकि बीजेपी ने तीन सीटों पर जीत हासिल की थी। पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था।