जमीन अधिग्रहण करने की तैयारी रैपिड रेल का डिपो बनाने के लिए

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गाजियाबाद : दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड रेल कॉरिडोर पर डिपो बनाने के लिए नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) भूमि अधिग्रहण करेगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। एनसीआरटीसी ने जीडीए के भू-अर्जन अनुभाग से अधिग्रहण प्रक्रिया की पूर्ण रूपरेखा मांगी है। मधुबन-बापूधाम में जमीन न मिलने और किसानों से जमीन की सीधी खरीद संभव न होने के कारण अधिग्रहण प्रक्रिया को अपनाना पड़ रहा है।

एनसीआरटीसी ने दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड रेल कॉरिडोर की मूल डीपीआर में डिपो दुहाई में प्रस्तावित किया गया था। पिछले वर्ष जुलाई में दुहाई, भिक्कनपुर और बसंतपुर सैंथली गांव की 67.0523 हेक्टेयर जमीन सीधी खरीद के लिए अधिसूचित की गई थी। उसमें जमीन की दरें निर्धारित कर दी गई थीं। तीनों गांवों की जमीन की दरें अलग-अलग थीं। जमीन की निर्धारित दर पर किसान जमीन देने को सहमत नहीं हुए। किसानों ने एनसीआरटीसी के सामने परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की शर्त भी रखी थी। किसानों का कहना था कि कृषि भूमि जाने से वह बेरोजगार हो जाएंगे। एनसीआरटीसी ने किसानों को काफी समझाने का प्रयास किया। वह अपनी शर्तों पर अड़े रहे। परियोजना में देरी होने का खतरा देखते हुए एनसीआरटीसी ने रैपिड रेल डिपो बनाने के लिए वैकल्पिक जमीन मधुबन-बापूधाम में तलाशी। 30 हेक्टेयर भूमि मांगते हुए प्रस्ताव जीडीए को सौंपा गया। इसके लिए शासन स्तर पर हुई मीटिग में जीडीए ने जमीन देने से इन्कार कर दिया था। जब कोई रास्ता नहीं बचा तो एनसीआरटीसी ने डिपो के तीनों गांवों में भूमि अधिग्रहण करने पर मंथन शुरू कर दिया है। इसकी रणनीति तैयार करने के लिए जीडीए के अधिग्रहण प्रक्रिया का प्रारूप मांगा गया है। जो जीडीए मुहैया कराएगा। एनसीआरटीसी के प्रवक्ता सुधीर कुमार शर्मा ने बताया कि भूमि अधिग्रहण के विकल्प पर काम किया जा रहा है।

दिल्ली-मेरठ रीजन रैपिड रेल कॉरिडोर से जुड़े फैक्ट

– दिल्ली से मेरठ तक कॉरिडोर की लंबाई 82.15 किलोमीटर

– 17 किलोमीटर के पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई तक निर्माण कार्य जारी

– कुल 30,274 करोड़ रुपये आएगी लागत

– रैपिड रेल में होंगे अधिकतम नौ कोच

– रैपिड रेल की अधिकतम स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा तक होगी, न्यूनतम 100 किलोमीटर