बात बात पर बंदूक निकाल लेते है पहलवान सुशील कुमार

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दिल्ली। भारत के दिग्गज पहलवान सुशील कुमार को सागर राणा मर्डर केस में दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है। दो बार ओलंपिक पदक जीतने वाले सुशील के साथ उनके साथी को भी दबोच लिया गया है। 2008 बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल और 2012 लंदन ओलंपिक में सिल्वर मेडल देश को दिलाने वाले सुशील का हत्यारोपी बनने तक की काफी रोचक है। भारत के युवा पहलवानों के रोल मॉडल कहे जाने वाले सुशील को बंदूकों से खास लगाव है। उन पर पहले भी जूनियर रेसलर्स को प्रताड़ित करने के आरोप लगते रहे हैं।

सुशील 2016 में रियो ओलंपिक से पहले विवादों में फंसे थे। दरअसल, महाराष्ट्र के पहलवान नरसिंह पंचन यादव ने सितंबर 2015 में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान 74 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में भारत को ओलंपिक कोटा दिलाया था। नरसिंह ने तब कांस्य पदक जीता था। उनके जीतने के बाद विवाद हो गया था। सुशील कुमार ने भी 74 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग के लिए अपना दावा ठोक दिया था। नियमों के मुताबिक, जिस खिलाड़ी ने कोटा हासिल किया है उसे वह नहीं मिलता है। कोटा देश को मिलता है। ऐसा सिर्फ कुश्ती में ही नहीं, निशानेबाजी और मुक्केबाजी में भी होता है। सुशील किसी कारणवश ओलंपिक क्वालिफायर्स का हिस्सा नहीं बन सके थे। भारतीय कुश्ती महासंघ ने सुशील और नरसिंह के बीच ट्रायल करने का वादा किया था। वह बाद में मुकर गया। इसे सुशील ने कोर्ट में चुनौती दी थी। वहां उनकी अपील खारिज हो गई थी। ओलंपिक में नरसिंह का जाने का रास्ता साफ हो गया। फिर एक घटना घटी। ओलंपिक से 10 दिन पहले नाडा द्वारा कराए गए डोप टेस्ट में नरसिंह पॉजिटिव पाए जाते हैं और उनका सपना टूट जाता है।

गौरतलब है कि नाडा ने उन्हें क्लीन चीट दे दी थी, लेकिन वाडा (वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी) ने नरसिंह को ओलंपिक में हिस्सा लेने से रोक दिया। साथ में चार साल का प्रतिबंध भी लगा दिया। नरसिंह तब सुशील पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके कहने पर ही खाने में मिलावट की गई थी। सुशील इसके बाद 2017 में फिर से विवादों में फंसे। तब उनपर पहलवान से मारपीट करने का आरोप लगा था। गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान सुशील पर पहलवान प्रवीण राणा ने मारपीट करने का आरोप लगाया था।।सुशील के बारे में कहा जाता है कि उन्हें बंदूक रखने का शौक था। वे बात-बात पर किसी पर भी बंदूक तान देते थे। वे पहले टोल काम भी करते थे, लेकिन बाद में छोड़ दिया। उस दौरान यह कहा जाता था कि इस रेसलर ने MCD के टोल का ठेका लिया था। इसे सुंदर भाटी के गुर्गे ऑपरेट करते थे। हालांकि, पुलिस ने इससे इनकार किया था। मीडिया में ऐसी बात सामने आई थी कि सुशील और ससुर सतपाल का कुश्ती में अपना एक खेमा है। इसे भारतीय कुश्ती संघ पसंद नहीं करता था। संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण से सुशील का मनमुटाव लंबा है।