नाम, नमक और निशान की परंपरा का पालन करता है सैनिक : जनरल वीके सिंह

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  • पूर्व सैनिकों का वर्चुअल सम्मेलन आयोजित

गाजियाबाद :- पूर्व सेनाध्यक्ष एवं केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने गुरुवार को यहां कहा कि देश का नाम, नमक और निशान की परंपरा का पालन करता है। देश को आत्म निर्भर बनाने में पूर्व सैनिक महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। वीके सिंह भारतीय जनता पार्टी पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश द्वारा पूर्व सैनिकों के साथ वर्चुअल सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे । सम्मेलन ने आत्मनिर्भर भारत अभियान में पूर्व सैनिकों की भूमिका पर चर्चा की गई। 

बतौर मुख्य अतिथि जनरल वीके सिंह ने कहा कि सैनिक ही केवल देश में एक ऐसी कड़ी है जो समाज का एक उत्कृष्ट उदाहरण है क्योंकि उसके अंदर ना केवल नैतिक नेतृत्व होता है बल्कि वह नैतिक अवमूल्यों का पालन करता है। देश का सैनिक नाम, नमक और निशान की परंपरा का पालन करते हुए कर्तव्य सम्मान और देशभक्ति के रूप में अपने जीवन को ढlलता है। केवल सैनिक ही नौकरी में देश को सेवाएं देने के बाद रिटायर होकर भी देश के लिए कुछ करने के लिए तैयार रहता है । उन्होंने कहा कि अब समय आ चुका है कि अब हम भारत को आत्मनिर्भर बनाएं। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में पूर्व सैनिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, सैनिक के लिए सभी धर्म समान होते हैं । जब हम सेना में होते हैं तो एक ही तंबू के अंदर सभी धर्मों के दर्शन करते हैं l हमारे लिए कोई जात पात नहीं होती सभी एक दूसरे के सहयोग के लिए हमेशा तैयार रहते हैं इसलिए समय आने पर सेना विजय हासिल करती है। आज हमें यह विचार करना है कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने में हम क्या-क्या योगदान दे सकते हैं।

जनरल सिंह ने पूर्व सैनिकों को इस अभियान में जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि आज ऐसा कोई सेक्टर नहीं है जहां पर सभी रंगों के सैनिकों का योगदान ना हो अगर हम शिक्षा की क्षेत्र की बात करें तो आज इस बात की आवश्यकता है कि बच्चों के मन में अच्छी बातें जाएं उनके मन में देशभक्ति जिम्मेदारी और समानता की भावना विकसित हो । अगर एक पूर्व सैनिक यह तय कर ले कि वह किसी एक स्कूल में महीने में एक बार जाकर बच्चों की इस बारे में काउंसलिंग करेगा तो निश्चित रूप से हम देश को एक अच्छा भविष्य दे पाने में सक्षम होंगे।

भारत सरकार ने हाल ही में 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देकर देश को आत्मनिर्भर बनाने की ओर एक बड़ा कदम उठाया है। इसके अंतर्गत मिलने वाले ऋण संबंधी योजनाओं को उपयुक्त व्यक्ति तक पहुंचाने का काम भी हम कर सकते हैं। जिससे छोटे उद्योगों और परंपरागत उद्योगों को पुनर्जीवित कर भारत को आत्मनिर्भर ता की ओर ले जाया जा सकता है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जुड़ने वाले पूर्व सैनिकों में बृजमोहन सिंह, यूएस चौहान, महेश मिश्रा, सरोज सिंह, बलविंद्र कुमार, दीक्षा वर्मा, राजेश सिंह, भास्कर पांडे, सुनील फौजी, शिवराम सिंह, सार्जेंट एचडी बाजपेई, पीएल अनुराग, भुवनेश चौधरी, सत्यपाल सिंह, एससी चांद, राखी अग्रवाल समेत सैकड़ों पूर्व सैनिक उपस्थित रहे।