पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर नौ करोड़ रुपये हड़पे, चार गिरफ्तार

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  • शासन ने मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी, कोतवाली में दर्ज हुई एफआईआर

लखनऊ :- पशुधन विभाग में अधिकारियों की सांठगांठ से ठेका दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़े के मामले में पुलिस ने रविवार को आशीष राय, निजी सचिव धीरज, कथित पत्रकार और एक अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है।  वहीं, एसटीएफ ने नोएडा में भी दबिश दी है। इसके अलावा एक अन्य आरोपित अनिल राय को भी हिरासत में लेकर शेष अन्य की तलाश की जा रही है।

गोमतीनगर नेहरू एन्क्लेव में रहने वाले एके राजीव की पुलिस विभाग और बड़े अधिकारियों में बहुत गहरी पकड़ हैं। उनका अक्सर कमांड से लेकर और पुलिस महानिदेशक कार्यालय में उठना-बैठना था। पुलिस विभाग का कोई भी कार्यक्रम हो वह सभी में उपस्थित रहते थे।

आरोप यह है कि पशुधन विभाग के कैबिनेट मंत्री के निजी सचिव और राज्‍य मंत्री के कार्यालय में तैनात एक अधिकारी की सांठगांठ से करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया है। विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर एक व्‍यापारी से नौ करोड़ रुपये हड़पे गए। इस फर्जीवाड़े में तथाकथित पत्रकार समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ शनिवार की देर रात हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज किया गया है।

गौरतलब है कि इंदौर के पूर्णिया कॉलोनी में रहने वाला मंजित सिंह भाटिया उर्फ मिंकू को पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर झांसा दिया गया था। आशीष राय नाम के व्‍यक्ति ने खुद को विभाग का निदेशक एसके मित्‍तल बताकर मंजित से मुलाकात की थी। इस दौरान साजिश में पशुधन मंत्री के निजी सचिव धीरज कुमार, राज्‍यमंत्री पशुधन कार्यालय में तैनात उमेश मिश्र, खुद को पत्रकार बताने वाले  एके राजीव, संतोष मिश्र, अनिल राय, फरीदाबाद अमेठी निवासी अमित मिश्र, कानपुर निवासी उमाशंकर तिवारी, राजधानी में रहने वाले रजनीश, डीबी सिंह और मुंबई निवासी अरुण राय शामिल थे।

इन सभी लोगों ने एक राय होकर मंजित को झांसे में लिया और ठेका दिलाने के नाम पर नौ करोड़ रुपये हड़प लिए। इस मामले की जानकारी जब शासन को हुई तो इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई। एसटीएफ ने छानबीन के दौरान मामले को सही पाया और पीड़ित मंजित की तहरीर पर हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है।