जमात प्रमुख के खिलाफ जांच में जुटी एजेंसियों की तफ्तीश दिल्ली-6 के इर्द-गिर्द

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नई दिल्ली :- कोरोना को लेकर बरती गई बड़ी लापरवाही को लेकर जमात प्रमुख के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में जुटी एजेंसियों की तफ्तीश दिल्ली-6 के इर्द-गिर्द घूम रही है। दरअसल दिल्ली-6 के लालकुआं में स्थित एक बैंक की शाखा खुले मरकज से जुडे अकाउंट की जांच को बेहद अहम माना जा रहा है। जांच से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक अबतक की तफ्तीश में भी यह पता चला है कि इस अकाउंट को भी सिर्फ दो लोग ही हैंडल करते थे, जिन पर जमात प्रमुख मौलाना साद सबसे ज्यादा यकीन करता है।

दो रिश्तेदार व छह हवाला ऑपरेटर से पूछताछ

यही कारण है कि जांच एजेंसियों ने मौलाना के दो करीबी रिश्तेदारों और दिल्ली-6 में एक्टिव रहने वाले छह हवाला ऑपरेटरों से सघन पूछताछ भी की है। जबकि पुरानी दिल्ली के कई हवाला कारोबारी अभी भी उनकी रडार पर हैं। माना जा रहा है कि इनसे भी जल्द ही पूछताछ की जाएगी। इसके पहले पहली में दो हवाला ऑपरेटर से पूछताछ की गई थी जबकि हाल-फिहाल में चार अन्य से भी पूछताछ की गई है। कारण सफ है, दरअसल इन छह में से एक का मकरज में आना-जाना होता था। जबकि अन्य पांच का उससे संपर्क रहा है। ऐसे में जांच टीम इनसे पूछताछ कर यह पता लगाना चाहती है कि इनका जमात मुख्यालय और मरकज में आने वाली रकम से कुछ लेना-देना है या नही।

आखिरी तीन महीने में ज्यादा हुआ लेन-देन

जांच से जुड़े अधिकारियों की मारें तो एजेंसी को शक है कि पैसा दिल्ली से भेजने और मंगवाने में पुरानी दिल्ली नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता था। इसमें हवाला कारोबारी मदद करते थे। दरअसल आखिरी के तीन महीने में हुए बैंक के ट्रांजेक्शन और रकम के पूरे ब्यौरे की जानकार करने में एजेंसियां जुटी हुई हैं। क्योंकि बैंक की तरफ से कैश का फ्लो अचानक बढ़ने को लेकर अलर्ट भी जारी किया गया था, जिसके बाद भी इस पर जमात प्रबंधन की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया गया था। इससे जुड़े दस्तावेज, जो लोग इस अकांट की लेन-देन से जुड़े हैं उनका ब्यौरा और इनके नेटवर्क का पूरा ब्यौरा एजेंसियां खंगाल रही हैं।  

जमात से जुड़े बैंक खाते से निकासी पर रोक

उधर जांच एजेंसियों ने मौलाना साद और उसके सहयोगियों पर शिकंजा कसने के उद्देश्य से तब्लीगी जमात से जुड़े बैंक खाते से निकासी पर रोक लगा दी है। यह रोक दिल्ली-6 केलाल कुआं में स्थित बैंक के के खाते पर लगाई गई है। इस खाते में लगभग 2 करोड़ रुपए बताए जाते हैं। हालांकि जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक कितनी रकम है? कितनी रकम का ट्रांजेक्शन हुआ है इस खाते से? और कहां-कहां, किस-किस अकाउंट में, इसकी जांच की जा रही है। माना जा रहा है कि रकम के लेन-देन के नेटवर्क में कई लोगों के नाम का जांच के बाद खुलासा हो सकता है।

टिकट बुक करने की कमर्शियल आईडी को लेकर चिट्टी

उधर मरकज में यहां आने-जाने वाले जमातियों की व्यवस्था से जुड़े करीब 20 लोगों को रेलवे का टिकट बुक कराने के लिए कैसे कमर्शियल  आईडी मिली, किस किस नाम से बननाई गई यह आईडी और इस कमर्शियल आईडी की स्वकृति कैसे मिली, इसकी भी जांच की जा रही है। इसके लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच रेलवे को चिट्ठी लिखकर इस बारे में जानकारी जुटाने में लगी है। क्राइम ब्रांच सूत्रों की मानें तो ये वो लोग हैं, जिनके पास रेलवे का टिकट बुक करने के लिए बकायदा आईडी थी। पुलिस जांच में जब यह मालूम चला कि विदेशी ट्रैवेल एजेंट के जरिये तो देश के विभिन्न इलाकों के लोग इन 20 लोगों के जरिये अपने आने-जाने का इंतजाम करते थे। इसलिए पुलिस इनसे यह पता लगाने मे जुटी है कि इन लोगों ने आखिरकार कैसे आईडी हासिल की। हालांकि इनके कुछ पूछताछ के दौरान पुलिस को मिले हैं, लेकिन पुलिस अब इसकी रिचेकिंग के लिए रेलवे से संपर्क साध कर रही है।