Ghaziabad: एनएचएआई के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी महिलाएं

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एनएचएआई पर लगाए गंभीर आरोप, भारतीय किसान यूनियन ने महिलाओं को दिया समर्थन

मसूरी । डासना देहात के आकाश नगर पुल के पास एनएचएआई के खिलाफ स्थानीय लोगों द्वारा अनिश्चितकालीन धरने पर महिलाओं ने डेरा डाल दिया। महिलाओं का आरोप है कि एनएचएआई ने उनके मकानों को लेकर तो तोड़ दिया पर अभी तक उन्हें मुआवजा तक नहीं दिया वो लोग घर से बेघर होने को मजबूर हैं। बीच किसान यूनियन ने भी महिलाओं के इस धरने को समर्थन देकर एनएचएआई के कार्य को बंद करने का दावा भी किया है। 

गौरतलब है कि दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे का कार्य चलने की वजह से पुल के नीचे बने मकानों को एनएचएआई द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से मुआवजा देकर खरीदने का कार्य किया था। वही स्थानीय महिलाओं का आरोप है कि एनएचएआई द्वारा जब मकान लिए गए थे तो उनका पूरा मुआवजा देने का वादा किया गया था। मगर उन्हें अभी तक उनका मुआवजा नहीं मिला और वह लोग आज घर से बेघर होकर किराए पर रहने को मजबूर हैं। यही नहीं आरोप है कि जब तक एनएचएआई उनका मुआवजा नहीं दे देता वह लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहेंगे। 

स्थानीय महिला रेखा, ओमवती, पुष्पा, सरोज गोयल, सरोज राघव, विनीता, और किसान नेता प्यारेलाल, मनोज कुमार, सुनील, सहित लोगों का आरोप है कि पिछले वर्ष नवंबर माह में एनएचएआई की टीम द्वारा मकानों को चिन्हित कर करीब डेढ़ सौ मकानों के लोगों से मुआवजा लेकर मकान खाली करने का वादा किया था। मगर इसी बीच सभी लोगों के पेपर मंगा कर उन्हें जल्द ही मुआवजा देने का वादा कर उनके मकानों को तोड़ने का कार्य किया गया था। हालांकि मकान से निकलने वाला मलबे के पैसे एनएचएआई की टीम द्वारा दे दिए गए थे। मगर सर्किल रेट 13, 500 से देने का दावा किया गया था मगर अपनी बात से पलटकर कर 2470 रुपए 35 पैसे देने का दावा भी किया गया था। मगर आज तक नहीं तो सर्किल रेट दिए गए हैं और ना ही उनका मुआवजे की रकम दी गई है। तब से लेकर अब तक वह लोग दर-दर की ठोकरें खाकर किराए के मकान में रहने के लिए मजबूर हैं।

अपनी गाढ़ी कमाई से उन्होंने जैसे-तैसे कर आकाश नगर में जमीन खरीदी थी और किसी तरह अपने परिवार का पालन पोषण करने के उद्देश्य से मकान बनाकर छत के नीचे रहने का जो सपना संजोया था उसको एनएचएआई और जिला प्रशासन की टीम ने तहस नहस कर दिया। आज वह लोग दर-दर की ठोकरें खाकर किराए पर रहने के मजबूर हैं। इस कोरोना महामारी के चलते उनके कारोबार भी बंद पड़े हैं। मगर मकान मालिक को किराया तो देना ही पड़ेगा। इसी उद्देश्य के चलते एनएचएआई से बार बार मुवावजा देने की मांग भी की गई पर उनकी कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। जिला प्रशासन से भी कई बार इस मामले में शिकायत दर्ज कराई गई और उन्होंने भी कोई सुनवाई नहीं की। इसी उद्देश्य के चलते अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है।

अगर जल्द ही जिला प्रशासन एवं एनएचएआई ने हमारी मांगों को नहीं माना तो बड़ा आंदोलन कर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर भी धरना दिया जाएगा। एनएचएआई के कार्य को बंद करा दिया गया है। जब तक कि हमारा मुआवजा नहीं मिल जाता धरना जारी रहेगा। धरने पर बैठने वालों में खासतौर पर के पी पांडे, रजनी शर्मा, रेखा, दान बहादुर, नसरुद्दीन, ओमवती, पुष्पा, अनीता देवी, प्रकाश कुमार, ममता देवी, नरेंद्र सिंह, अरुण कुमार, माया देवी सहित काफी संख्या में महिला व पुरुष धरनारत रहे।